सिकंदराधार एक मनोरम जगह है। इस रमणीक स्थल के साथ मान्यता प्राप्त प्रसिद्ध मुरारी माता का मंदिर भी मौजूद है। इस आर्ट गैलरी को प्रताप म्यूजियम के रूप में भी जाना जाता है। यह म्यूजियम सुंदरनगर से लगभग 17 किलोमीटर दूर है तथा जिला मंडी मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। कहते हैं इसी क्षेत्र में लेदा नामक जगह इब्राहिम लोद्धी के घोड़ों द्वारा लीद के कारण नामकरण हुआ जो बाद में बिगड़ कर लेदा पड़ा।
सिकंदराधार का नाम सिंकदर की सेना के पडाव डालने के कारण पडा़। ऊंची जगह के कारण बहुत सा इलाका दिखाई देता था जिस कारण इलाके की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती थी तो सिंकदर के सैनिकों कइ दिनों तक यहीं कब्जा जमाए रखा। प्रताप आर्ट गैलरी सचमुच एक अनूठी है इसमें कमलाह फोर्ट, किन्नर कैलाश, भेखल का ढोल, डोए, पेड़ू जिसमें अनाज आदि अनेक प्राचीन चिजें देखी जा सकती है। जिनका आजकल प्रचलन कम हो गया है। यहां देखा जा सकता है। गैलरी को चलाने वाले प्रताप ठाकुर को भाषा में संस्कृति ग ने 1998 में इस तरह संग्रह करने के लिए सम्मानित भी किया गया है। अभी यह संग्रह एक बडें विशाल कमरें में चल रहा है भविष्य में इसको विशाल भवन में चलाया जायेगा। प्रताप ठाकुर जो कि बिजली विभाग से सहायक अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं इनको इस संग्रहालय को संवारने का एक जनून है। लोग भी इस जनून को कायम रखने के लिए इनकी भरपूर मदद पुरानी चीजें जमा करवा रहे हैं ताकि इस संग्रहालय को और अधिक दर्शनीय बनाया जा सके।
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