Tuesday, 21 January 2020

मैं फिर से बच्चा होना चाहता हूँ

मैं फिर से बच्चा होना चाहता हूँ,
मैं फिर से सच्चा होना चाहता हूँ। 

वाह, मौका परस्त लोग, लोगों की फितरत,
मैं फिर से झूठें रिश्तों से दूर होना चाहता हूँ।

पसन्द नहीं तुम्हे मेरी आज़ाद ख्याली,
मैं फिर से संजीदा होना चाहता हूँ।

शिकायत जायज कि बिगड़ा गया हूं,
मैं फिर से अच्छा होना चाहता हूं। 

चीनी खत्म है चलो पड़ोसी से मांग लें,
मै फिर से गुजरा ज़माना होना चाहता हूं। 

खो गए हैं खेल खिलौने सारे मेरे,
मैं फिर से मां की गोद में सोना चाहता हूँ।

दर्द का समंदर उमड़ता घुमड़ता है भीतर,
मैं फिर से ज़ोर से रोना चाहता हूं। 

मत दिखा सजे सजाये आलीशान मकान मुझे,
मैं फिर से बच्चों के लिए घर होना चाहता हूँ।

✍️ रौशन विक्षिप्त 

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