Monday 20 January 2020

कोटगढ़ से मिली हिमाचल को एक सम्पन्न राज्य की पहचान

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला का सुप्रसिद्ध क्षेत्र कोटगढ़ जहां सेब की तीन किस्मों रेड, रॉयल व गोल्डन डिलिशियस से सेब की शुरुआत हुई थी। वर्तमान में लगभग 90 किस्मों की सेब प्रजातियो की खेती प्रदेश में सफलतापूर्वक की जा रही है।

कोटगढ़ पहाड़ी रियासतों के इतिहास में एक ऐसा क्षेत्र है जहां आजादी तक सिर्फ ब्रिटिश हुकूमत चलती थी। यह पहाड़ी क्षेत्र सिर्फ अंग्रेजों के अधीन रहा। अंग्रेजों के ब्रिटिश राज के दौरान कोटगढ़ में समाजिक, आर्थिक और शिक्षा के  क्षेत्र में काफी बदलाव एंव दूरगामी व सुधार हुए।

कोटगढ़ क्षेत्र आर्थिक संपन्नता और उच्च एंव बेहतर शिक्षा के लिए भी प्रसिद्ध है। कोटगढ़ क्षेत्र में स्व.श्री सत्यानंद स्टोक्स ने सर्वप्रथम सेब के पौधे को लाया और रोपा था। सत्यानंद स्टोक्स का वास्तविक नाम सैमुअल एवास स्टोक्स था। एक अमेरिकी इंजीनियर के घर सैमुअल एवास स्टोक्स जन्म 16 अगस्त 1882 को अमेरिका में हुआ।

सत्यानंद स्टोक्स की सेब क्रांति से हिमाचल प्रदेश को एक सम्पन्न राज्य की पहचान प्राप्त हुई। सत्यानंद स्टोक्स ने सेब का पहला पौधा अमेरिका से लाकर थानाधार के बारूबाग में वर्ष 1916 में लगाया और इस आर्थिक एंव समाजिक बदलाव की नींव रखी थी। उन्होंने कृषि जलवायु की दृष्टि से उपयुक्त क्षेत्र कोटगढ़ में सेब की वैज्ञानिक ढंग से खेती की और लोगों को इस फल के उत्पादन की ओर आकर्षित किया। उनके इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप कोटगढ़ का क्षेत्र बेहतरीन किस्म का सेब उत्पादित करने में हिमाचल के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गया।

पहली बार वर्ष 1926 में कोटगढ़ का सेब मार्केट में आया। तब से लेकर आज दिन तक कोटगढ़ सेब उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता है। सेब राज्य के रूप में मशहूर हिमाचल में इस फल की व्यावसायिक खेती के सौ वर्ष 2016 में पूरे हो गए। हिमाचल में सेब उत्पादन के जनक सत्यानद स्टोक्स की कर्मभूमि कोटगढ़ के थानाधार में भव्य सेब शताब्दी समारोह आयोजित कर स्व. सत्यानंद स्टोक्स को क्षेत्रवासियों ने क्षद्धाजलि अर्पित की थी।

कोटगढ़ क्षेत्र से सम्बंधित शख्सियतों ने इस क्षेत्र का नाम निरन्तर उंचा किया है जिनमें से पूर्व मंत्री विद्या स्टोकस, विधायक राकेश सिंघा, Indian Idol अंकुश भारद्वाज, पूर्व चैयरमैन अतुल शर्मा, बेली राम भलैक, मुख्यमंत्री के OSD शिशु पाल धर्मा, पूर्व प्रधान परिषद अध्यक्ष अमर सिंह नलवा, रामदयाल सिंघा, सामू राम, प्रकाश ठाकुर, बालीबाल कोच प्रीतम चौहान, नरेश चौहान, प्रहलाद कश्यप, डेजी ठाकुर, रीना ठाकुर, मीना जरेट, मीरा शर्मा जैसे अनगिनत नाम है।

✍️ हितेन्द्र शर्मा 
किंगल, शिमला, हि.प्र.

4 comments:

  1. Replies
    1. आपका स्वागत एंव हार्दिक धन्यवाद 🙏

      Delete
  2. सत्यानन्द स्टोक्स का सेब क्रांति द्वारा इस पहाड़ी प्रदेश
    को विकसित करने में अमूल्य योगदान सर्वमान्य है तथापि इस क्षेत्र से बेगार प्रथा के कलँक को समाप्त करने मे उनका योगदान कमतर नहीं।

    ReplyDelete
  3. सत्यानंद स्टोक्स का सेब क्रांति द्वारा इस पहाड़ी प्रदेश को विकसित करने में अमूल्य योगदान सर्वमान्य है तथापि इस क्षेत्र से बेगार प्रथा के कलँक को समाप्त करने में उनका योगदान कमतर नहीं।

    ReplyDelete