अयंशु = इस वर्ष
पोरके = गत वर्ष , दूसरी ओर
परारके = पिछले से पिछले
आगला = अगला
गलेरा = अगले से अगला
अड़कपणी = कोहनी
छमाई = छठे महीने का देवकर
कबिदला= शरारती
जगर = शरीफ
बकबैन्दा = बहुत बोलने वाला
कलोकड़ = अकेला चलने वाला पशु
घायण = घासणी
एका = एकता
एजला = यह वाला
सेजला = वह वाला
एती = यहाँ
तेती = वहाँ
ओरका = इस ओर
पोरका = दूसरी और
उशळना =
बैर = वैर
एस = इस पुरुष को
एसो = इस स्त्री को
ऐसी = इधर से
रा = का (कारक विभक्ति )
इन्हों = इनको
ओरा = इधर
पोरा = उधर
अटकणा = फंसना , रुकना
✍️ ओम प्रकाश शर्मा
खुराना कॉटेज , परिमहल शिमला।
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