Sunday, 26 January 2020

खेल-ए-इश्क

बेवफ़ा महफिल में यूं न दिल जलाया करो
मोहब्बत हो गर किसी से तो निभाया करो।

ये सौदेबाजियां अच्छी नहीं खेल-ए-इश्क में
लगाना है गर दिल तो  दिमाग हटाया करो।

✍️ दीपक भारद्वाज

1 comment:

  1. बेवफ़ा महफिल में यूं दिल लेके ना जाया करो..
    गैर की मोहब्बत को भी दोस्ती से निभाया करो..

    सौदेबाजियां भी हार जाती हैं खेल-ए-इश्क में..
    दिमाग को अपने ज़रा दिल से चलाया करो..!!

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