थम गये पहिये थम गयी जन की आवाजाही।
भंयकर बिमारी से लड़ने के आदेश है राजशाही।।
सड़क में चहलपहल होती थी अंनजाने डर से खाली।
सभी जन मायूसी से अरदास करे कर कृपा जग माली।।
मजदूर जिसने घर बनाये वे बेघर हो ठहरे है पेट खाली।
आवारा कुत्ते मौज से घूमें पालतू चिढ़े न घुमाया माली।।
अखबार वाला सब्जी बाला सबके मन में पसरा है खतरा।
मिलेगें या सदा के लिए खो जायेंगें वक्त का मिला है इशारा।।
✍️ हीरा सिंह कौशल
महादेव, सुंदरनगर
मंडी, हिमाचल प्रदेश।
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