Sunday, 5 April 2020

आओ दीया जलाये

दीया जलाये जग में फैले तम को दूर भगायें
भ्रम में फसे जो उनको उजाले की राह  दिखायें.
शंका का दामन छोड़ मन का तम दूर भगायें. 
युगों युगों से जलती पावन धरा की लौ और जलाये.
पापों अनाचारों से पडी़ क्षीण आज उसको चमकायें.. 
महामारी भयानक आपदा में मन में आशा की ज्योत जगायें.
दिवाली की मानिंद आज तुम अपने घरों को खूब चमकायें.
विश्वशांति हो मां भारती के चरणों में सब शीश निवाये.
हाथ में ले दिया कल्याण की भावना से जन के मन महकायें
सब भोलेपन से मासूमियत से मां भारती की क्षीण शक्ति बढायें.

✍️ हीरा सिंह कौशल

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