कल्प सृजन कवियत्री कल्पना गांगटा द्वारा लिखित पुस्तक है, कल्प सृजन का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला 2020 के दौरान दिल्ली में किया गया, प्रस्तुत है पुस्तक कल्प सृजन के पसंदीदा अंश
पहाड़ों पे बर्फ आखिर किसे ना लुभाए, फिर हमारी प्यारी कल्पना गांगटा कैसे अछूती रह जाएं। इस लिए उन्होंने भी लिखी एक प्यारी कविता पहाड़ों पे बर्फ के नाम।
सामाजिक सरोकार किसी भी कवि के मन को विचलित करने को बैठे रहते उधार...भ्रूण हत्या विषय पे कल्पना की कविता 'अजन्मी की पुकार' गहन चिंता व्यक्त करती है।
कलयुग का जीवन अनेकों सवाल करता है खड़े
'आखिर क्यों ' कविता इंसान के सामने ऐसे ही सवाल खड़े करती है।
'कश्मकश' कविता कल्पना के मन की सही गलत के सवाल को ले कर जन्मी दुविधा को दर्शाती है।
गावों के बदलते परिवेश की चिंता से उभरती है कल्पना की कविता ' मेरा गांव ' मेरा गांव अब रहा नहीं मेरा, हर डगर पर किया शहर ने बसेरा...कविता दिल में गहरे उतरती जाती है।
अपनी पहली और सफल पुस्तक के लिए प्रिय मित्र
कल्पना गांगटा को हार्दिक शुभकामनाएं।
पुस्तक समीक्षा ✍️ दीप्ति सारस्वत
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