Sunday, 19 January 2020

महासुवी लोक संस्कृति

उमा ठाकुर द्वारा लिखित पुस्तक महासुवी लोक संस्कृति एक शोधपूर्ण पुस्तक है। लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से पुस्तक जिला शिमला के उपरी पहाड़ी क्षेत्रों की महासुवी बोली में लिखी गई है। उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला 2020 के दौरान न‌ई दिल्ली में हुआ। लेखिका द्वारा यह पुस्तक बहुत ही सरल बोली में लिखी गई है। 

महासू शब्द में बड़ा आकर्षण है, इस शब्द का उद्भव महाशिव से हुआ है। महादेव का वास यहां की हिमानियों पर है। शिवरात्रि महासु क्षेत्र का सब से बड़ा त्योहार है। इस त्योहार में महाशिव की पूजा साकार रूप में की जाती है। शिव जी मेहमान (पाहुने) के रुप में घर-घर आते हैं। उन के स्वागत में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं।

गांवों में लोग किसी एक घर में इकट्ठा होकर रातभर नाचते गाते हैं, ब्रह्म अखाड़ा लगाते हैं। इस पुस्तक में त्योहारों के आयोजन, लोकगीतों सहित बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियों को सम्मलित किया गया है। इस पुस्तक में पूर्व की शिमला हिल स्टेट्स के इतिहास के साथ यहां की भौगोलिक स्थितियों, परम्पराओं, त्योहारों, वेशभूषा, पकवानों, विभिन्न संस्कारों, लोकगीतों और पर्यटन की संभावनाओं इत्यादि पूरे परिवेश को समेटा गया है।  किसी भी संस्कृति को जीवित रखने के लिए स्थानीय भाषा एंव संस्कृति का संरक्षण एंव संवर्धन अनिवार्य है। 

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