Hills Talks
लेख, कविता, लघुकथा, ग़ज़ल, समाचार और पहाड़ों की बात
Saturday, 25 January 2020
राष्ट्रवाद का शेर
टुकड़े-टुकड़े गैंग के पुत्र नसीरुद्दीन।
कहने को ही शाह हैं, मन-मलीन, श्री-हीन।
अनुपमेय व्यक्तित्व का, अपना 'अनुपम खेर'।
मातृभूमि का लाल है, राष्ट्रवाद का शेर।
✍️ आचार्य देवेन्द्र देव
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