नारी शक्ति, नारी ममता
विशाल हृदय की देवी है
नारी पुत्री, नारी माता
करूणा हृदय की मूरत है
जग आधार की प्रतिमूर्ति
मानव का आधार स्तम्भ है
जल, समीर और वसुंधरा
सबकी जगत-जननी है
संसार का प्रारम्भ हुआ
ब्रह्माण्ड का जन्म हुआ
बिन नारी न सम्भव होता
बिन देवी न शुभारम्भ होता
वेद-पुराण में उक्ति है
सर्वेसर्वा ही नारी शक्ति है
सियाराम कहें या राधाकृष्ण
प्रारम्भ ही नारी नाम से होता है
जब सृष्टि का निर्माण हुआ
देवों का अवतार हुआ
बिन नारी न सम्भव था
ये अटल सत्य, देवों ने भी मान लिया
✍️ किशोर कुमार कर्ण
पटना बिहार
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