Friday, 24 April 2020

तैत्तौं होई भुल्ल कुथू ऐ

सच्चे दा हुण मुल्ल कुथू ऐ,
बोल्लण बत्ती गुल्ल कुथू ऐ?

भलमणसाई धप्फे खा$ दी,
चबल़ चरकटा टुल्ल कुथू ऐ?

पाईत्ते    हन   लोक   कुबत्ता,
रोक्कण ब्हाल़ा ठुल्ल कुथू ऐ?

ब्यूंतड़  झोट्टी  छैल़  सुनक्खी,
दुद्ध  भरोया  उल्ल  कुथू  ऐ?

भास्सा स्हाड़ी मुक्का करदी,
खुशबू ब्हाल़ा फुल्ल कुथू ऐ?

ठंड्डैं   तांऐं  सोच  "नवीना",
तैत्तौं  होई  भुल्ल  कुथू  ऐ?

    ✍️ नवीन हलदूणवी
काव्य - कुंज जसूर-176201
जिला कांगड़ा ,हिमाचल प्रदेश।

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