Saturday, 11 April 2020

ज़िन्दगी कितनी सस्ती

हर गली है सूनी सूनी
सूनी ही हर बस्ती है
इस ज़माने में देखो यारो
ज़िन्दगी कितनी सस्ती है
बन्द है मंदिर के किवाड़
वो भीड़ भी अब नज़र नहीं आती
कोरोना के डर से देखो
अब वो घंटियां भी बज नहीं पाती
सूना हर चौराहा है
सूनी गांव की गलियां सारी
सब घर के अंदर दुबके है
चाहे नर हो या हो नारी
हर तरफ पसरा सन्नाटा है
घर में दाल चावल न आटा है
पैसे भी अब खत्म हो गये
जेब भी हो गई खाली
हाय इस जालिम कारोना ने
यह कैसी हालात कर डाली
समय ने करवट बदली
और कैसा खेला खेल
जो कल तक थे बने सिकंदर
आज हो गए फेल
अमरीका,इटली,फ्रांस और इंग्लैंड
समय रहते नही थे जागे
आज देखो कैसे नतमस्तक हैं
कोरोना के आगे
दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों के
बन्द हो गए सारे काम
पैसा नहीं है जेब में
बढ़ गए सब चीजों के दाम
कैसे परिवार का पेट भरें
यही सोच सोच कर हैं परेशान
जहां भी देखो कोरोना है
अब चल नहीं रहा किसी का जोर 
चीन देख रहा खड़ा तमाशा
जिसने फैलाया यह चारों ओर
हर कोई बेबस है हर कोई मजबूर
हर तरफ देखो कारोना का अत्याचार
पैसे वालों को नहीं कोई फर्क पड़ता
गरीब तो हर तरफ से लाचार है
बड़े बड़ों की निकल गई हेकड़ी
छोटा भी कम नहीं है परेशान
यह अदृश्य  वायरस अब तक
ले चुका कईयों की जान
कोरोना से बचने का
अब केवल है एक उपाय
घर के अंदर बैठें सारे
बाहर कोई न जाये

✍️ रविंदर कुमार शर्मा
     घुमारवीं, हि. प्र. 

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