Hills Talks
लेख, कविता, लघुकथा, ग़ज़ल, समाचार और पहाड़ों की बात
Thursday, 2 April 2020
बेवजह
है कुछ नहीं के जिन्दगी क्या है
तू बता के तेरी रज़ा क्या है
निकलेगा तो आएगा कफन में
घर में देख के मजा क्या है
है नहीं घड़ी ये टहलने की अभी
बेवजह जाने की वजह क्या है
देख दुनिया को समझे नहीं जो
मौत से बेहतर सज़ा क्या है
✍️ राजेश सारस्वत
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