Tuesday, 21 April 2020

भूख

सुबह उठकर लग जाते है
सब करने कुछ काम
पेट लगा हुआ है सब को
कर नहीं सकते यूं आराम
इस जहां में भूख ने
न जाने क्या क्या करवाया
किसी को पुलिस 
तो किसी को चोर बनाया
इस भूख ने देखो यारो
क्या क्या रंग दिखाए
कई तो काम कर रहे देश में
कई विदेश पहुंचाए
यही भूख है जो करवा रही 
सबसे भागम भाग
कोई तो कंगाल रह गया
कोई हो गया मालामाल
इस भूख के कारण ही जग में
हो रहे सारे काम
पेट न होता लगा हुआ 
तो सब करते आराम
खाने की ही भूख नहीं है
कई किस्म की होती भूख
किसी को तो राम नाम की 
किसी को दौलत की है भूख
किसी को भूख है शोहरत की
किसी को बेईमानी की
किसी को है सत्ता की तो
किसी को है बलिदानी की
जिसने जितना गुड़ डाला
उतना ही उसने पाया है
किस्मत में जिसकी जो लिखा है
वही उसके सामने आया है
भूख नहीं होती जग में तो
कोई पाप नहीं होता
किसी को भी कुछ करने पर
यूं पश्चाताप नहीं होता
सब रहते मिल जुल कर
कोई झगड़ा अत्याचार नही होता
प्रेम पनपता सबके दिल में
दीनहीन दुखियारा और कोई लाचार नही होता
भूख का भी तो प्रभु ने
खोल रखा एक खाता है
उसमें एंट्री उसी की होती है
जिसका प्रभु से नाता है

✍️ रविंदर कुमार शर्मा

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